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Bal Vanita Mahila AshramYou are not afraid of the protector Kahu ..What is it that can only be done in Sanatan Dharma?This is the scene of a bhandare .. where all the devotees are receiving prasadam.Suddenly a langur would also come there

बाल वनिता महिला आश्रम तुम रक्षक काहू को डर ना.. ऐसा क्या है जो सनातन धर्म में ही हो सकता है? यह एक भंडारे का दृश्य है.. जहां सभी भक्तगण प्रसाद प्राप्त कर रहे हैं। अचानक से एक लंगूर भी वहां आ जाता है तब वहां सामग्री को परोस रहे कार्यकर्ता उसके लिए भी एक थाली तैयार करवाते हैं..। वह बंदर अनेक मनुष्यों के साथ भोजन का आनंद लेने लगा.. जिसे देखकर सभी लोगों ने हाथ जोड़ लिए मानो साक्षात हनुमान जी स्वयं प्रसादी पा रहे हों..❤️ इसे कहते है, सनातन धर्म की सुंदरता.. प्रखरता .. । By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब धन्य - धन्य हे सनातनी ..।

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राम दुसरी भाषा में पढ़ीं Download PDF बाल वनिता महिला आश्रम धियानसूची में डालीं संपादन by समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब राम ,  श्रीराम  चाहे  रामचंद्र  एगो भारतीय देवता हवें जिनके हिंदू लोग  विष्णु  के सातवाँ अवतार माने ला; वाल्मीकि के महाकाव्य आ हिंदू धर्मग्रंथ  रामायण  आ  तुलसीदास  के काव्य  रामचरितमानस  में इनके कथा प्रमुख रूप से बर्णित बा आ अउरी कई गो रामकथा सभ के ई मुख्य पात्र बाड़ें। वैष्णव शाखा इनके विष्णु के अवतार माने ला [2]  आ रामभक्ति शाखा में इनका के सभसे ऊँच देवता भा साक्षात ईश्वर (भगवान) के रूप मानल जाला। राम बाल वनिता महिला आश्रम राम एगो हिंदू देवता हवें, बिबिध रूप में इनके निरूपण भइल बा संबंधित बाड़े विष्णु  के सातवाँ अवतार, देव धाम बैकुंठ ,  अजोध्या हथियार तीर-धनुष ग्रंथ रामायण ,  रामचरितमानस तिहुआर रामनवमी ,  दिपावली ,  दशहरा Personal information जनम अयोध्या ,  कोसल  (वर्तमान में उत्तर प्रदेश) Consort सीता [1] संतान लव  (बेटा) कुश  (बेटा) माई-बाबूजी...

राम जी के जाने के बाद हनुमान जी कहां गायब हो गए?By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब//। 🌹🌹🌹🌹🙏🙏🌹🌹🌹🌹✍️कुछ लोग कहते हैं कि हनुमान जी पाताल में जा पहुंचे. ये जानने के लिए कई बार लोगों ने कोशिश की लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला.

राम जी के जाने के बाद हनुमान जी कहां गायब हो गए? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब// 🌹🌹🌹🌹🙏🙏🌹🌹🌹🌹✍️ कुछ लोग कहते हैं कि हनुमान जी पाताल में जा पहुंचे. ये जानने के लिए कई बार लोगों ने कोशिश की लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला. दरअसल रामायण के बाद महाभारत में ही 2 बार हनुमान जी के होने की बात की गई है पहली बार जब भीम जंगल में थे तो रास्ते में उन्हें एक बुजुर्ग वानर मिला. भीम ने उसे अपने रास्ते से हटने को कहा लेकिन उस वानर ने कहा कि तुम हटा दो मुझ पर इतनी शक्ति नहीं रही तब भीम ने अपनी पूरी शक्ति लगा दी पर उस वानर को हिला तक नहीं सके तभी भीम समझ गए कि यह कोई साधारण वानर नहीं है फिर भीम की मांग पर उस वानर ने अपना असली रूप दिखाया वह हनुमान जी थे. तब भीम को बहुत ही आश्चर्य हुआ था. भगवान हनुमानजी को देखते ही भीम की आँखें चौंधिया गई. वो उन्हें देखते ही एकटक बस देखते ही रह गए. उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि सच में ये हनुमान जी ही हैं. असल में भगवान हनुमानजी भीम की शक्ति का घमंड तोड़ने का सबक देने आए थे. इसके बाद हनुमान जी अर्जुन के रथ पर उनका ध्वज बनकर पूरे महाभारत के युद्ध मे...

Hanuman ji pictureBy philanthropist Vanita Kasani PunjabAccording to the calculations of astrologers, Bajrangbali was born on Tuesday on Chaitra Purnima in the sum of Chitra Nakshatra and Aries Lagna. Hanuman's father Sumer

By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब ज्योतिषीयों की गणना के अनुसार बजरंगबली जी का जन्म चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्र नक्षत्र व मेष लग्न के योग में हुआ था। हनुमानजी के पिता सुमेरू पर्वत के वानरराज राजा केसरी थे और माता अंजनी थी। हनुमान जी को पवन पुत्र के नाम से भी जाना जाता है और उनके पिता वायु देव भी माने जाते है। राजस्थान के सालासर व मेहंदीपुर धाम में इनके विशाल एवं भव्य मन्दिर है। पुंजिकस्थली यानी माता अंजनी बाल वनिता महिला आश्रम पुंजिकस्थली देवराज इन्द्र की सभा में एक अप्सरा थीं। एक बार जब दुर्वासा ऋषि इन्द्र की सभा में उपस्थित थे, तब अप्सरा पुंजिकस्थली बार-बार अंदर-बाहर आ-जा रही थीं। इससे गुस्सा होकर ऋषि दुर्वासा ने उन्हें वानरी हो जाने का शाप दे दिया। पुंजिकस्थली ने क्षमा मांगी, तो ऋर्षि ने इच्छानुसार रूप धारण करने का वर भी दिया। कुछ वर्षों बाद पुंजिकस्थली ने वानर श्रेष्ठ विरज की पत्नी के गर्भ से वानरी रूप में जन्म लिया। उनका नाम अंजनी रखा गया। विवाह योग्य होने पर पिता ने अपनी सुंदर पुत्री का विवाह महान पराक्रमी कपि शिरोमणी वानरराज केसरी से कर दिया। इस रूप में पुं...

Anjana was the mother of Hanuman ji. She was the wife of the monkey king Kesari. Going to give a little information about them.There was a nymph named Punjik Thala who danced in the court of Indra, it was the same nymph who

हनुमान  जी की माता थी अंजना। वह वानर  राजा केसरी   बाल वनिता महिला आश्रम की पत्नी थी। उनके बारे में थोड़ी जानकारी देने जा रहे हैैं। पुंजिक थला नाम की एक अप्सरा थी जो इंद्र के दरबार में नृत्य किया करती थी यह वही अप्सरा थी जो समुद्र मंथन के समय में निकली थी उस समय तीन अप्सराएं निकली थी उनमें से पुंजिक थला भी एक अप्सरा पुंजत्थला एक बार धरती लोक में आई और उन्होंने महा ऋषि दुर्वासा जो एक ऋषि थे और वह तपस्या कर रहे थे वह एक नदी के किनारे बैठे हुए थे और ध्यान मुद्रा में थे पुंजत्थल ने उन पर बार-बार पानी फेंका जिससे उनकी तपस्या भंग हो गई और तब उन्होंने पुंजिक थला को श्राप दे दिया कि तुम इसी समय वानरी हो जाओ और पुंजिक थला उसी समय वानरी बन गई और पेड़ों पर इधर उधर घूमने लगी देवताओं के बहुत विनती करने के बाद ऋषि ने उन्हें बताया की इनका दूसरा जन्म होगा और तुम वानरी ही रहोगी लेकिन अपनी इच्छा के अनुसार तुम अपना रूप बदल सकोगी। तभी केसरी सिंह नाम के एक राजा वहां पर एक मृग का शिकार करते हुए आए वह मृग घायल था और वह ऋषि के आश्रम में छुप गया ऋषि ने राजा केसरी से कहा कि तुम मेरे ...

AnjanaRead in another languagedownloadTake careEditLearn moreReference or source is not given in this article.Anjana was the mother of Hanuman ji. She was the wife of the monkey king Kesari. About them

अंजना किसी अन्य भाषा में पढ़ें डाउनलोड करें ध्यान रखें संपादित करें Learn more इस लेख में  सन्दर्भ  या  स्रोत  नहीं दिया गया है। हनुमान  जी की माता थी अंजना। वह वानर  राजा केसरी  की पत्नी थी। उनके बारे में थोड़ी जानकारी देने जा रहे हैैं। पुंजिक थला नाम की एक अप्सरा थी जो इंद्र के दरबार में नृत्य किया करती थी यह वही अप्सरा थी जो समुद्र मंथन के समय में निकली थी उस समय तीन अप्सराएं निकली थी उनमें से पुंजिक थला भी एक अप्सरा पुंजत्थला एक बार धरती लोक में आई और उन्होंने महा ऋषि दुर्वासा जो एक ऋषि थे और वह तपस्या कर रहे थे वह एक नदी के किनारे बैठे हुए थे और ध्यान मुद्रा में थे पुंजत्थल ने उन पर बार-बार पानी फेंका जिससे उनकी तपस्या भंग हो गई और तब उन्होंने पुंजिक थला को श्राप दे दिया कि तुम इसी समय वानरी हो जाओ और पुंजिक थला उसी समय वानरी बन गई और पेड़ों पर इधर उधर घूमने लगी देवताओं के बहुत विनती करने के बाद ऋषि ने उन्हें बताया की इनका दूसरा जन्म होगा और तुम वानरी ही रहोगी लेकिन अपनी इच्छा के अनुसार तुम अपना रूप बदल सकोगी। तभी केसरी सिंह नाम के एक राजा वहां ...

जय श्री राम जय जय श्री हनुमान

Jay Shri Ram Ji जय श्री Hanuman ji जय श्री राम Hanuman Shayari | हनुमान शायरी आज हम आपके लिए लाए हैं परम भक्त सिया राम जी के भक्त हनुमान जी की कुछ बेहतरीन चुनिंदा शायरी अगर आप भी हनुमान जी के परम भक्त हैं तो आप हमारी यह चुनिंदा शायरी जो बहुत ही ज्यादा हमने आपके लिए सिर्फ आपके लिए लिखी हुई हैं आप इनको पढ़ सकते हैं और अपनी राय दे सकते हैं कि कैसे हैं Hanuman Shayari | हनुमान शायरी अंजनी पुत्र हनुमान बलशाली हनुमान वैसे तो नटखट बहुत है पर तोड़ देते हैं अच्छे अच्छों का गुमान Hanuman Shayari | हनुमान शायरी महाबली साली हनुमान जी के आगे कौन टिक पाया है जो आया है उनके सामने वह सीधा स्वर्ग में पहुंचा है जिसको अपनी जान नहीं प्यारी वही हनुमान जी से टकराया है… परम भक्त परम भक्त है सियाराम के सब के राजदुलारे यूं तो बहुत ही ज्यादा भोले हैं हनुमान जी   पर राक्षस इनको देखकर यहां वहां डर से भागे… रक्षा भूत पिशाच निकट नहीं आता है जब कोई हनुमान जी का नाम दिल से बुलाता है हनुमान स्वयं ही रक्षा करते हैं. जो श्री राम जी के गुणगान गाता है… Hanuman Shayari | हनुमान शायरी हनुमान जी हनुमान जी की ...