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Who is more powerful, Hanuman or Hiranyakashyap?By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबHiranyakashyap dust in front of Hanumanji don't ask such question like this. Hanumanji capable to destroy lot of universe and by the way he is an incarnation of god of destruction Mahadev.Hiranyakashyap strong because of his boon given by Brahma dev, Hiranyakashyap killed by Narsimha avatar of Shri Hari and Hanumanji also can take Narsimha formHave you ever seen before panchmukhi form of Hanumanji, Hanumanji also have 11th mukhi form. How can Hiranyakashyap defeat God with his some little boon given by GodHanumanji great devotee of Shri Ram doesn't meant that he is less powerfull.Hope you get your answer.Jai Shri Ram🙏Jai Mamma Sita🙏Jai Bajrangabali Hanumanji 🙏

Hiranyakashyap dust in front of Hanumanji don't ask such question like this. Hanumanji capable to destroy lot of universe and by the way he is an incarnation of god of destruction Mahadev.

Hiranyakashyap strong because of his boon given by Brahma dev, Hiranyakashyap killed by Narsimha avatar of Shri Hari and Hanumanji also can take Narsimha form

Have you ever seen before panchmukhi form of Hanumanji, Hanumanji also have 11th mukhi form. How can Hiranyakashyap defeat God with his some little boon given by God

Hanumanji great devotee of Shri Ram doesn't meant that he is less powerfull.

Hope you get your answer.

Jai Shri Ram🙏

Jai Mamma Sita🙏

Jai Bajrangabali Hanumanji 🙏

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जीवन में बुराई अवश्य हो सकती है मगर जीवन बुरा कदापि नहीं हो सकता,बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाब 🌹🙏🙏🌹 जीवन एक अवसर है श्रेष्ठ बनने का, श्रेष्ठ करने का, श्रेष्ठ पाने का, जीवन की दुर्लभता जिस दिन किसी की समझ में आ जाए उस दिन से कोई भी व्यक्ति जीवन का दुरूपयोग नहीं कर सकता... 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌿🍁🌿🍁🌿🍁🌿🍁🌿🍁🌿🍁🌿🍁🌿 जीवन वो फूल है जिसमें काँटे तो बहुत हैं, मगर सौन्दर्य की भी कोई कमी नहीं, ये और बात है कुछ लोग काँटो को कोसते रहते हैं और कुछ लोग सौन्दर्य का आनन्द लेते हैं... जीवन को बुरा सिर्फ उन लोगों के द्वारा कहा जाता है जिनकी नजर फूलों की बजाय काँटो पर ही रहती है, जीवन का तिरस्कार वे ही लोग करते हैं जिनके लिए यह मूल्यहीन है... 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌿🥀🌿🥀🌿🥀🌿🥀🌿🥀🌿🥀🌿🥀🌿 जीवन में सब कुछ पाया जा सकता है मगर सब कुछ देने पर भी जीवन को पाया नहीं जा सकता, जीवन का तिरस्कार नहीं परंतु इससे प्यार करना चाहिए, जीवन को बुरा कहने की अपेक्षा जीवन की बुराई मिटाने का प्रयास करना ही समझदारी है... 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌿🍂🌿🍂🌿🍂🌿🍂🌿🍂🌿🍂🌿🍂🌿 ''जय श्री राधे कृष्ण'' कितने करिश्माई हैं ये शब्द... बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम में बे सहारा को दान से...💕ताज़गी का एह्सास होता है... 💕💞💞💞💞मानसिक बल मिलता है... 💕गम कोसो दूर चले जाता है... 💕💞💞💞मन हलका हो जाता है... 💕मन की पीड़ा शांत हो जाती है...💕💞💞💞नकारात्मक विचार आते नहि...💕बिगड़े काम बनने लगते हैं... 💕हर सपने साकार करने की शक्ति मिलती हैं... 💕 💞💞💞💞#जय #बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम की...💕#मानव हो मानव का प्यारा एक दूजे का बनो #

जीवन में बुराई अवश्य हो सकती है मगर जीवन बुरा कदापि नहीं हो सकता, बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाब  🌹🙏🙏🌹 जीवन एक अवसर है श्रेष्ठ बनने का, श्रेष्ठ करने का, श्रेष्ठ पाने का, जीवन की दुर्लभता जिस दिन किसी की समझ में आ जाए उस दिन से कोई भी व्यक्ति जीवन का दुरूपयोग नहीं कर सकता... 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 🌿🍁🌿🍁🌿🍁🌿🍁🌿🍁🌿🍁🌿🍁🌿            जीवन वो फूल है जिसमें काँटे तो बहुत हैं, मगर सौन्दर्य की भी कोई कमी नहीं, ये और बात है कुछ लोग काँटो को कोसते रहते हैं और कुछ लोग सौन्दर्य का आनन्द लेते हैं...             जीवन को बुरा सिर्फ उन लोगों के द्वारा कहा जाता है जिनकी नजर फूलों की बजाय काँटो पर ही रहती है, जीवन का तिरस्कार वे ही लोग करते हैं जिनके लिए यह मूल्यहीन है... 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 🌿🥀🌿🥀🌿🥀🌿🥀🌿🥀🌿🥀🌿🥀🌿            जीवन में सब कुछ पाया जा सकता है मगर सब कुछ देने पर भी जीवन को पाया नहीं जा सकता, जीवन का तिरस्कार नहीं परंतु इससे प्यार करना ...

Anjana was the mother of Hanuman ji. She was the wife of the monkey king Kesari. Going to give a little information about them.There was a nymph named Punjik Thala who danced in the court of Indra, it was the same nymph who

हनुमान  जी की माता थी अंजना। वह वानर  राजा केसरी   बाल वनिता महिला आश्रम की पत्नी थी। उनके बारे में थोड़ी जानकारी देने जा रहे हैैं। पुंजिक थला नाम की एक अप्सरा थी जो इंद्र के दरबार में नृत्य किया करती थी यह वही अप्सरा थी जो समुद्र मंथन के समय में निकली थी उस समय तीन अप्सराएं निकली थी उनमें से पुंजिक थला भी एक अप्सरा पुंजत्थला एक बार धरती लोक में आई और उन्होंने महा ऋषि दुर्वासा जो एक ऋषि थे और वह तपस्या कर रहे थे वह एक नदी के किनारे बैठे हुए थे और ध्यान मुद्रा में थे पुंजत्थल ने उन पर बार-बार पानी फेंका जिससे उनकी तपस्या भंग हो गई और तब उन्होंने पुंजिक थला को श्राप दे दिया कि तुम इसी समय वानरी हो जाओ और पुंजिक थला उसी समय वानरी बन गई और पेड़ों पर इधर उधर घूमने लगी देवताओं के बहुत विनती करने के बाद ऋषि ने उन्हें बताया की इनका दूसरा जन्म होगा और तुम वानरी ही रहोगी लेकिन अपनी इच्छा के अनुसार तुम अपना रूप बदल सकोगी। तभी केसरी सिंह नाम के एक राजा वहां पर एक मृग का शिकार करते हुए आए वह मृग घायल था और वह ऋषि के आश्रम में छुप गया ऋषि ने राजा केसरी से कहा कि तुम मेरे ...

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