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10 Secrets of Shri Hanumanji......🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸Many secrets about the main deity of Hindus, Hanumanji, which are still hidden. According to the scriptures, Hanumanji will remain physically on this earth for one cycle.1. Hanum

बाल वनिता महिला आश्रम श्री हनुमानजी के 10 रहस्य ...... By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब 🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸 हिन्दुओं के प्रमुख देवता हनुमानजी के बारे में कई रहस्य जो अभी तक छिपे हुए हैं। शास्त्रों अनुसार हनुमानजी इस धरती पर एक कल्प तक सशरीर रहेंगे।  1. हनुमानजी का जन्म स्थान  🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸 कर्नाटक के कोपल जिले में स्थित हम्पी के निकट बसे हुए ग्राम अनेगुंदी को रामायणकालीन किष्किंधा मानते हैं। तुंगभद्रा नदी को पार करने पर अनेगुंदी जाते समय मार्ग में पंपा सरोवर आता है। यहां स्थित एक पर्वत में शबरी गुफा है जिसके निकट शबरी के गुरु मतंग ऋषि के नाम पर प्रसिद्ध 'मतंगवन' था। हम्पी में ऋष्यमूक के राम मंदिर के पास स्थित पहाड़ी आज भी मतंग पर्वत के नाम से जानी जाती है। कहते हैं कि मतंग ऋषि के आश्रम में ही हनुमानजी का जन्म हआ था। श्रीराम के जन्म के पूर्व हनुमानजी का जन्म हुआ था। प्रभु श्रीराम का जन्म 5114 ईसा पूर्व अयोध्या में हुआ था। हनुमान का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पूर्णिमा के दिन हुआ था। 2.कल्प के अंत तक सशरीर रहेंगे हनुमानजी  🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔹🔸🔸🔹🔸🔸 इंद्र से उन्हें इच्छा मृत्यु क...

बाल वनिता महिला आश्रम

*हनुमानजी को प्रसन्न करने वाली सुंदरकांड से जुड़ी बातें... .🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब 1 :- सुंदरकांड का नाम सुंदरकांड क्यों रखा गया ? . हनुमानजी, सीताजी की खोज में लंका गए थे और लंका त्रिकुटाचल पर्वत पर बसी हुई थी। त्रिकुटाचल पर्वत यानी यहां 3 पर्वत थे पहला सुबैल पर्वत, जहां के मैदान में युद्ध हुआ था। . दूसरा नील पर्वत, जहां राक्षसों के महल बसे हुए थे और तीसरे पर्वत का नाम है सुंदर पर्वत, जहां अशोक वाटिका थी। इसी वाटिका में हनुमानजी और सीताजी की भेंट हुई थी। इस कांड की यही सबसे प्रमुख घटना थी, इसलिए इसका नाम सुंदरकांड रखा गया है ! . 2 :- शुभ अवसरों पर सुंदरकांड का पाठ ही क्यों ? . शुभ अवसरों पर गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड का पाठ किया जाता है। शुभ कार्यों की शुरूआत से पहले सुंदरकांड का पाठ करने का विशेष महत्व माना गया है। . किसी व्यक्ति के जीवन में ज्यादा परेशानियां हो, कोई काम नहीं बन पा रहा है, आत्मविश्वास की कमी हो या कोई और समस्या हो, सुंदरकांड के पाठ से शुभ फल प्राप्त होने लग जाते हैं, कई ज्योतिषी या संत भी विपर...

*हनुमानजी को प्रसन्न करने वाली सुंदरकांड से जुड़ी बातें....🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब1 :- सुंदरकांड का नाम सुंदरकांड क्यों रखा गया ?.हनुमानजी, सीताजी की खोज में लंका गए थे और लंका त्रिकुटाचल पर्वत पर बसी हुई थी। त्रिकुटाचल पर्वत यानी यहां 3 पर्वत थे पहला सुबैल पर्वत, जहां के मैदान में युद्ध हुआ था।.दूसरा नील पर्वत, जहां राक्षसों के महल बसे हुए थे और तीसरे पर्वत का नाम है सुंदर पर्वत, जहां अशोक वाटिका थी। इसी वाटिका में हनुमानजी और सीताजी की भेंट हुई थी। इस कांड की यही सबसे प्रमुख घटना थी, इसलिए इसका नाम सुंदरकांड रखा गया है !.2 :- शुभ अवसरों पर सुंदरकांड का पाठ ही क्यों ?.शुभ अवसरों पर गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड का पाठ किया जाता है। शुभ कार्यों की शुरूआत से पहले सुंदरकांड का पाठ करने का विशेष महत्व माना गया है।.किसी व्यक्ति के जीवन में ज्यादा परेशानियां हो, कोई काम नहीं बन पा रहा है, आत्मविश्वास की कमी हो या कोई और समस्या हो, सुंदरकांड के पाठ से शुभ फल प्राप्त होने लग जाते हैं, कई ज्योतिषी या संत भी विपरित परिस्थितियों में सुंदरकांड करने की सलाह देते हैं।.3 :- सुंदरकांड का पाठ विशेष रूप से क्यों किया जाता हैं .........माना जाता है कि सुंदरकांड के पाठ से हनुमानजी प्रसन्न होते हैं। सुंदरकांड के पाठ में बजरंगबली की कृपा बहुत ही जल्द प्राप्त हो जाती है।.जो लोग नियमित रूप से सुंदरकांड का पाठ करते हैं, उनके सभी दुख दूर हो जाते हैं, इसमें हनुमानजी नें अपनी बुद्धि और बल से सीता की खोज की है। इसी कारण से सुंदरकांड को हनुमानजी की सफलता के लिए स्मरण किया जाता है।.4 :- सुंदरकांड से मिलता है मनोवैज्ञानिक लाभ........वास्तव में श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड की कथा सबसे अलग हैं। संपूर्ण श्रीरामचरितमानस भगवान श्रीराम कें गुणों और उनके पुरुषार्थ को दर्शाती हैं, सुंदरकांड एकमात्र ऐसा अध्याय है जो श्रीराम के भक्त हनुमान की विजय का है।.मनोवैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो यह आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति बढ़ाने वाला कांड हैं, सुंदरकांड के पाठ से व्यक्ति को मानसिक शक्ति प्राप्त होती हैं, किसी भी कार्य को पूर्ण करने के लिए आत्मविश्वास मिलता है।.5 :- सुंदरकांड से मिलता है धार्मिक लाभ........सुंदरकांड से मिलता है धार्मिक लाभ, हनुमानजी की पूजा सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली मानी गई है। बजरंगबली बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं, शास्त्रों में इनकी कृपा पाने के कई उपाय बताए गए हैं।बाल वनिता महिला आश्रम.सुंदरकांड से मिलता है धार्मिक लाभ.का पाठ करना है। सुंदरकांड के पाठ से हनुमानजी के साथ ही श्रीराम की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है। .🚩🚩जय श्री राम 🚩🚩*

*हनुमानजी को प्रसन्न करने वाली सुंदरकांड से जुड़ी बातें... .🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब 1 :- सुंदरकांड का नाम सुंदरकांड क्यों रखा गया ? . हनुमानजी, सीताजी की खोज में लंका गए थे और लंका त्रिकुटाचल पर्वत पर बसी हुई थी। त्रिकुटाचल पर्वत यानी यहां 3 पर्वत थे पहला सुबैल पर्वत, जहां के मैदान में युद्ध हुआ था। . दूसरा नील पर्वत, जहां राक्षसों के महल बसे हुए थे और तीसरे पर्वत का नाम है सुंदर पर्वत, जहां अशोक वाटिका थी। इसी वाटिका में हनुमानजी और सीताजी की भेंट हुई थी। इस कांड की यही सबसे प्रमुख घटना थी, इसलिए इसका नाम सुंदरकांड रखा गया है ! . 2 :- शुभ अवसरों पर सुंदरकांड का पाठ ही क्यों ? . शुभ अवसरों पर गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड का पाठ किया जाता है। शुभ कार्यों की शुरूआत से पहले सुंदरकांड का पाठ करने का विशेष महत्व माना गया है। . किसी व्यक्ति के जीवन में ज्यादा परेशानियां हो, कोई काम नहीं बन पा रहा है, आत्मविश्वास की कमी हो या कोई और समस्या हो, सुंदरकांड के पाठ से शुभ फल प्राप्त होने लग जाते हैं, कई ज्योतिषी या संत भी विपर...

In which house of the horoscope Saturn gives inauspicious effects?By philanthropist Vanitha Kasniya PunjabSaturn is such a planet towards which everyone's fear always remains. In which house Saturn is in the horoscope of any person,

शनि कुंडली के किस भाव में अशुभ प्रभाव प्रदान करता है? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब शनि ऐसा ग्रह है जिसके प्रति सभी का डर सदैव बना रहता है. किसी भी मनुष्‍य की कुंडली में शनि किस भाव में है, इससे मनुष्‍य के जीवन की दिशा, सुख, दुख आदि सभी बात निर्धारित हो जाती है. शनि को कष्टप्रदाता के रूप में अधिक जाना जाता है. शनि कुंडली के त्रिक (6, 8, 12) भावों का कारक है. शनि को सूर्य पुत्र माना जाता है. लेकिन इसे पिता का शत्रु भी कहा जाता है. पहला घर सूर्य और मंगल ग्रह से प्रभावित होता है। पहले घर में शनि तभी अच्छे परिणाम देगा जब तीसरे, सातवें या दसवें घर में शनि के शत्रु ग्रह न हों. यदि, बुध या शुक्र, राहू या केतू, सातवें भाव में हों तो शनि हमेशा अच्छे परिणाम देगा. शनि ग्रह के सम्बन्ध मे अनेक भ्रान्तियां और इस लिये उसे मारक, अशुभ और दुख कारक माना जाता है. लेकिन शनि उतना अशुभ और मारक नही है, जितना उसे माना जाता है. इसलिये वह शत्रु नही मित्र है. मोक्ष को देने वाला एक मात्र शनि ग्रह ही है. सत्य तो यह ही है कि शनि प्रकृति में संतुलन पैदा करता है, और हर प्राणी के साथ न्याय करता है. जो लोग अनुचित विष...

What are the benefits of which recitation of Hanumanji? By philanthropist Vnita Kasnia Punjab Your sufferings will be eradicated by the worship of Hanumanji.Bal Vanitha Mahila AshramGoswami Tulsidas, the author of Shri Ramcharit Manas, wrote Shri Ramcharit

हनुमानजी के कौन से पाठ से क्या लाभ? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब हनुमानजी की साधना से मिटेंगे आपके कष्ट... बाल वनिता महिला आश्रम श्रीरामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीरामचरित मानस लिखने से पहले हनुमान चालीसा लिखी थी और फिर हनुमान की कृपा से ही वे श्रीरामचरित मानस लिख पाए। हनुमान चालीसा को ध्यान से पढ़ने और समझने के बाद पता चलेगा कि हनुमान ही इस कलियुग के ज ाग ृत देवता हैं, जो भक्तों के सभी तरह के कष्ट को दूर करने के लिए तुरंत ही प्रसन्न हो जाते हैं। शर्त यह है कि भक्त का अपने कर्मों के प्रति सजग रहना जरूरी है। कुकर्मी का साथ तो कोई नहीं देता। आओ हम बताते हैं कि हनुमानजी की कौन-सी साधना से किस तरह के कष्ट मिट जाते हैं।   हनुमान चालीसा पढ़ते रहने से इस संकट से बचा रहता है व्यक्ति... अगले पेज पर...   FILE हनुमान चालीसा :  जो व्यक्ति नित्य सुबह और शाम  हनुमान चालीसा  पढ़ता रहता है उसे कोई भी व्यक्ति बंधक नहीं बना सकता। उस पर कारागार का संकट कभी नहीं आता। यदि किसी व्यक्ति को अपने कुकर्मों के कारण कारागार (जेल) हो गई है, तो उसे संकल्प लेक...